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[ जिन सिद्धान्त
रस शक्ति का नाम अनुभाग वन्ध हैं । शंका- इन चारो बन्धो का एक लौकिक दृष्टान्त
दीजिये |
समाधान -- जैसे एक लड्डू है, उसमें लड्डु का जो वजन है वह तो प्रदेश बन्ध है, लड्डु में जो आटा है उस आटे की प्रकृति ठण्डी है, गरम है, वायुकरण है या वायु हरण है, वह प्रकृति बन्ध है । वह लड्डू कितना दिन रहेगा उसी का नाम स्थिति बन्ध है और लड्डू में कितना मीठा है उसी का नाम अनुभाग बन्ध है ।
प्रश्न - संवर तच्च किसको कहते हैं ? उत्तर --- संवर तत्व दो प्रकार का है (१) चेतनसंवर (२) जड़ संवर |
प्रश्न- चेतन संबर किसको कहते हैं ?
उत्तर—बन्ध के कारण का अभाव होना, उसीका नाम चेतन संबर है जैसे- श्रद्धा गुण, चारित्रगुण, तथा क्रिया गुण की शुद्ध अवस्था का नाम चेतन संबर है ।
प्रश्न - - श्रद्धागुण की शुद्ध अवस्था किमको कहते हैं ? उत्तर - श्रद्धागुण की जो मिथ्यादर्शन रूप अवस्था थी वह बदलकर सम्यग्दर्शन रूप अवस्था होना वह श्रद्धा गुणकी शुद्ध अवस्था है ।