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मार्गणा - - अधिकार
यह आत्मा अनादि काल से चौरासी लाख योनि रूप पौगलिक शरीर को अपना मानकर, अपने स्वरूप को भूल गई है, ऐसी भूली हुई श्रात्मा को अपने स्वभाव का ज्ञानकराने के लिये मार्गणा की उत्पत्ति हुई है । प्रश्न- मार्गणा किसे कहते हैं ?
उत्तर- जिन जिन धर्म विशेषों से जीवों का अनुवेषण अर्थात् खोज की जाय, उन धर्म विशेषों को मार्ग कहते हैं ।
प्रश्न- मार्ग के कितने भेद हैं ?
उत्तर - मार्गणा के १४ भेद हैं । १ गति २ इन्द्रिय, ३ काय, ४ योग, ५ चेद, ६ कषाय, ७ ज्ञान, ८ संयम, ह दर्शन, १० लेश्या, १९ भव्यत्व, १२ सम्यक्त्व, १३ संज्ञित्व, १४ आहार |
प्रश्न- गति किसे कहते हैं ?
उत्तर - गति नामा नामकर्म के उदय से जीव द्रन्प की संयोगी अवस्था को गति कहते हैं । प्रश्न - गति के कितने भेद हैं १