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जिन सिद्धान्त ]
१२५ प्राण होता है । पारणामिक भाव उसी का नाम है जिस में कर्म का सद्भाव अभाव कारण न पड़े और आत्मा के गुण की शुद्ध अशुद्ध अवस्था हो, उसी का नाम पारणामिक भाव है। __ प्रश्न-प्राण कितने प्रकार के होते हैं ? ___ उत्तर--प्राण उपचार से चार प्रकार का कहा जाता है, (१) इन्द्रियप्राण (२) बलप्राण (३) आयुषाण (४) स्वासोच्छवास प्राण।
प्रश्न--प्राण के विशेष भेद कितने है ?
उत्तर-दस भेद हैं (१) स्पर्शन इन्द्रिय प्राण (२) 'सना प्राण (३)घाणप्राण (४) चक्षुप्राण (५) श्रोत्रप्राण (६) कायप्राण (७) वचनप्राण (E) मनप्राण (ह) स्वासो
च्छवास (१०) श्रायुप्राण । । प्रश्न--किस जीव के कितने कितने प्राण होते हैं ? ___ उत्तर--एकेन्द्रिय जोब के चार प्राण होते हैं-स्पर्शन इन्द्रिय, कायपल, स्वासोच्छवास, आयु । दो इन्द्रिय जीव के छः प्राण-स्पर्शन इन्द्रिय, रसनाइन्द्रिय, कायरल, वचनवल, स्वासोच्छ्वास और आयु । ते इन्द्रियजीव के सात प्राण-पूर्वोक्त छ: और घाणइन्द्रिय एक विशेष । चतुरिन्द्रिय के आठ प्राण-पूर्वोक्त सात और एक चक्षुइन्द्रिय विशेष । असैनी पंचेन्द्रिय के नौ प्राणः-पूर्वोक्त