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जिन सिद्धान्त
उत्तर--ज्ञानगुण की हीन अवस्था का नाम अज्ञान भाव है। __प्रश्न-ौदयिक भाव के साथ द्रव्य कर्म का किस प्रकार का सम्बन्ध है ? ___ उत्तर-औदयिक भाव के साथ द्रव्यकर्म का निमित्त नैमित्तिक सम्बन्ध है क्योंकि द्रव्यकर्म का उदय सो निमित्त है और औदायिक भाव नैमित्तिक पर्याय है। प्रश्न-~निमित्त नैमित्तिक सन्बन्ध किसे कहते हैं ?
उत्तर-जनक जन्य भाव का नाम निमित्त-नैमित्तिक सम्बन्ध है अर्थात् निमित्त जनक है और नैमित्तिक जन्य है। निमित्त के अनुकूल अवस्था धारण करे सो नैमित्तिक है।
प्रश्न-आत्मा तथा द्रव्यकर्म मे निमित्त नैमित्तिक कौन है ? ___ उत्तर-दोनों ही एक समय में निमित्त भी है और नैमित्तिक भी हैं। कर्म का उदय निमित्त है तद्प
आत्मा के भाव का होना नैमित्तिक है, वही आत्मा का भाव निमित्त है और कार्माण वर्गणा का कर्म रूप अवस्था होना नैमित्तिक है। ये दोनों भाव एक समय में ही होता है तो भी धारण कार्य भेद अलग है।