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जिन सिद्धान्त की हिंसा से दुध नहीं होगा वह जीव संधीग सम्बन्ध स्याद्वाद स्वीकार नहीं करता है।
प्रश्न--ौदायिक बार किसे कहते हैं ?
उत्तर-मोहनीय आदि कर्म के उदय में जो जो भाव समय समय में आत्मा में होता है उस भाव का नाम औदयिक भाव है।
प्रश्न--औदयिक भाव कितने प्रकार का है ?
उत्तर--ौदयिक भाव २१ प्रकार का कहा गया है(१) मनुष्यगति के भाव (२) देवगति के भाव (३) तियंचगति के भाव (४) नरकगति के भाव (५) पुरुषवेद के भाव (६) स्त्री 'वेद के भाव (७) नपुसकवेद के भाव (८) क्रोध के भाव (E) मान के भाव (१०) माया के भाव (११) लोभ के (१२) कृष्ण लेश्या रूप प्रवृत्ति (१३) नीललेश्या स्म प्रवृत्ति (१४) कापोत लेश्या रूप प्रवृत्ति (१५) पीत लेश्या रूप प्रवृत्ति (१६) पत्र लेश्या रूप प्रवृत्ति (१७) शुक्न लेश्या रूप प्रवृत्ति (१८) मिथ्यात्व (१६) असंयम (२०) अज्ञान (२१) असिद्धत्व ।
प्रश्न--असंयम भाव किसे कहते हैं।
उत्तर---चारित्रगुण की समय समय की विकारी अवस्था का नाम असंयम भाव है।
प्रश्न-अज्ञान भाव किसे कहते हैं ?