________________
जैनेन्द्र को माहानिया दरायां भाग बनान थी कि जिन पर अन्यागतो के भरण पर सनः । परनी अन्दर चली गई और मैं उनमें गे एम गुर्ग पर बैठ गया। ___ इन्तजाम की नारीफ र रनी होगी। सापट-दिगम् नमूनी मीनरमार थी और यहा यहा ट्रे पर तरह-तरह में स्नगार और हिपत तिये चपराव वाघे बरे घूम रहे थे।
मैं अन्दर नही गया । लेगिन उत्साह में जो अन्दर नागर सोग लौट पर बसान कर रहे थे, उसने मालूम हुमा फि चानीय गार पासो दहेज जरूर होगा। ऊपर का सनं अलग । रोशनिया इग सदर मी शाहर जगमगा उठे । मचमुच दावत पा इन्तजाम भी जबरदस्त था । मयों न हो, गान्तिलाल जी, दरियादिल प्रादमी हैं। और ऐगिएन गिगामने रिश्ता पिन पदर बालातर मिला है, महर नागी जौहमालहरा। और उन जोहरियों मे यहा की नैयारी तो और भी मारा।
शान्ति नाल जी की टरा गगाई में पधारे नए महासाना मोगी के उत्साह और प्रानन्द ने नीनाघर को जगाया। उन्हें भी गय पान सूब मालूम हुमा । पभी कभी पती देग लेते थे । मागिर पौने पाप बजे उठकर उन्होंने शान्तिलान जी को बधाई दी और जाने के लिए अनुमनि मागी । शानिलाल जी भाभार में अवगत धे। मंपिनीमार जी यो जाने ना दे माते । माटा पिपं विना जाना न पायेगा। पानिपत जोगीलागर गोवा में सारा गरम में गमे । उपर की व्यवधीसान्नितालमीने देशामी , मिठासी, पाट मी, पोपा भी नाना नारिगा गगमा int माने मायामी | मन मेयर दिमिरा मसामायिक मापन धौर पर
मानमर गमा । उदागना राना र यमय fre
मनापर मानो ग पानी fraat । समय पान मे मीनापीकर rar! HTET और में एक की मार rn. ATTITE:र