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मौत की कहानी
हम सब लोग हँस पड़े। पर हँसी में उसने बात उड़ नहीं जाने दो । उसने सबसे वचन लेकर ही छोड़ा। कहा, “एक बार मौत में पड़कर अब बार-बार मरने की इच्छा नहीं रह गई है । इसलिए खूब सोच-समझकर चलना चाहता हूँ ।"
सबसे वायदे लेकर और सब कुछ पक्का करके उसने कहा, "उठो, चलो । पान में ज़रा-सी तम्बाकू पड़ गई थी । "
में उठकर चल दिया |
प्रमोद के बजाय हम सबने अपने सामने की मेज़ को खूब जोर-जोर से पीटना शुरू कर दिया !
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