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________________ हत्या आखिर शहर छोड़ा और हम लोग एक जङ्गली जगह पहुंचे। वहाँ एक ओवरसियर रहते हैं, उनके अतिथि हुए। . ____ जगह बड़ी सुहावनी है, और एकान्त । एकान्त है, तभी सुहावनी है । नहीं तो आदमी नाम का जन्तु वस्तु-सुहावनी पाये, और उसे सुहावनी छोड़े। रेल का स्टेशन वहाँ से बारह मील होगा, सड़क आठ मील, आदमी की बस्ती पाँच मील । वहाँ बस पहाड़ियाँ हैं, और वन है। एक नदी बहती है,जिसे बाँध से बाँधकर रोक दिया गया है। इस तरह वहाँ बड़ी झील बन गई है। उसी बाँध की देख-भाल के लिए यह ओवरसियर साहब यहाँ बसते हैं। झील में किश्तियाँ पड़ी हैं, और पानी की यहाँ सदा बहार रहती है। जब नदी में और जगह गीली कीच न मिले, तब भी आप यहाँ किश्ती चलाइये। __हमारे विवाह को बरसों-बरस हो गये। जो पत्नी बनकर मेरे साथ आकर मिली थीं, वह हैं, पर उन्हें कोई अब पत्नी नहीं कह सकता। हर बात में वह माँ दीखती हैं। इसमें एकान्त उन्हीं का अपराध नहीं है। हम आपस में छः बालकों के माता-पिता हैं। इधर पति से अधिक मैं भी पिता हो गया हूँ। 'हनीमून' के भी १६४
SR No.010359
Book TitleJainendra Kahani 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvodaya Prakashan
PublisherPurvodaya Prakashan
Publication Year1953
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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