________________
(3)
विशिष्ट स्वरूप का ज्ञान भी सुलभ हो जायगा इत्यादि, मुझे यह कहते हुए अत्यन्त हर्ष होता है कि मेरी इस उचित प्रार्थना को आपने पूरे ध्यान से सुना और उसके लिये यथाशक्ति प्रयास करने का वचन दिया ||
★
बडी प्रसन्नता की बात है कि जिम सग्रह के लिये मैंने आचार्य श्री जी से मानुरोध प्रार्थना की थी वह सुचारु रूप से सम्पन्न हुआ । र आज एक अच्छे रूप में मुद्रित होकर पाठकों के कर कमलो की शोभा बढा रहा है। अन मेरी और मेरे सहचारी अन्य विद्वन्टल जोकि इस विषय से हार्दिक प्रेम रखता है की ओर से आप के इस साधुजनोचित समुचित कार्य के लिये अनेकानेक साधुवाद | मेरी दृष्टि मे विद्वानो के लिये यह वस्तु बड़े काम की है। वे इस से यथाशक्ति यथा-मति लाभ उठाने का अवश्य यत्न करेंगे ऐसी मुझे पूर्ण आशा है |
निवेदकहंस राज शास्त्री