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[सद्गुण-सूत्र
( २५ ) .. चरहिं ठाणेहिं जीवा मणुस्सत्ताएं - कम्मं पगरेति, पगइ भद्दयाए, विणीयाए,, साणुक्कोसयाए, अमच्छरियाए, 1..
. __ठा०, ४ था, ठा, उ, ४, ३९ टीका-चार प्रकार के कामो से जीव मनूष्य गति का बघ करते है :-(१) सरल प्रकृति रखने से, (२) विनीत प्रकृति रखने से, (३) दयाल प्रकृति रखने से और (४) प्रेम-भाव रखने से~-यानी मात्सर्य भाव नही रखने से