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________________ पच्चीस किया २ नये अधिकरण- शस्त्रादिक संग्रह करे तो निव्वत्तणाहिगरणिया क्रिया लगे । ३ पाउसिया क्रिया के दो भेद . १ जीव पाउसिया २ अजीव पाउसिया । १ जीव पर द्वेष करे तो जीव पाउसिया क्रिया लगे । २ अजीव पर द्वेष करे तो अजीव पाउसिया क्रिया लगे । ४ पारितावरिया क्रिया के दो भेद : ३५ १ सहत्य पारितावणिया २ परहत्थ पारितावणिया । १ स्वय (खुद) अपने आपको तथा दूसरो को परितापना उपजावे तो सहत्थपारितावणिया क्रिया लगे । २ दूसरो के द्वारा अपने आपको तथा अन्य किसी को परितापना उपजावे तो परत्थ परितावणिया क्रिया लगे । ५ पाणाईवाईया क्रिया के दो भेद : १ सहत्थ पाणाईवाईया २ परहत्थ पाणाईवाईया | १ अपने हाथों से अपने तथा अन्य दूसरों के प्राण हरण करे तो सहत्थ पाणाईवाईया क्रिया लगे । २ किसी अन्य द्वारा अपने तथा दूसरो के प्रारण हरे तो परहत्थ पाणाईवाईया क्रिया लगे । ६ अपच्चक्खाण क्रिया के दो भेद १ जीवअपच्चक्खाणक्रिया २ अजीव अपच्चक्खाणक्रिया । १ जीव का प्रत्याख्यान नही करे तो जीव अपच्चखारण क्रिया लगे । २ अजीव ( मदिरादिक ) का प्रत्याख्यान नही करे तो अजीव अपच्चखारण क्रिया लगे ।
SR No.010342
Book TitleJainagam Stoak Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Maharaj
PublisherJain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar
Publication Year2000
Total Pages603
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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