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जैनागम स्तोक सग्रह
जीव के ग्यारह भेद :--
१ एकेन्द्रिय, २ वेइन्द्रिय, ३ त्री-इन्द्रिय, ४ चौरिन्द्रिय, ५ नारकी, ६ तिर्यञ्च, ७ मनुष्य, ८ भवनपति, ६ वाणव्यन्तर, १० ज्योतिपी, ११ वैमानिक । जीव के बारह भेद :
१ पृथ्वीकाय, २ अपकाय, ३ तेजस्काय, ४ वायुकाय, ५ वनस्पति काय, ६ त्रसकाय, इन छ. का अपर्याप्ता व पर्याप्ता ये १२ भेद । जीव के तेरह भेद -
१ कृष्ण लेश्यी, २ नील लेश्यी, ३ कापोत लेश्यो, ४ तेजो लेश्यी, ५ पद्म लेश्यी, ६ शुक्ल लेश्यी, इन छ का अपर्याप्ता व पर्याप्ता ये वारह और १ अलेश्यी कुल १३ । जीव के चौदह भेद :
१ सूक्ष्म एकेन्द्रिय का अपर्याप्ता, २ सूक्ष्म एकेन्द्रिय का पर्याप्ता, ३ बादर एकेन्द्रिय का अपर्याप्ता ४ वादर एकेन्द्रिय का पर्याप्ता, ५ बेइन्द्रिय का अपर्याप्ता, ६ वेइन्द्रिय का पर्याप्ता, ७ त्री-इन्द्रिय का अपर्याप्ता, ८ त्री-इन्द्रिय का पर्याप्ता. ६ चौरिन्द्रिय का अपर्याप्ता, १० चौरिन्द्रिय का पर्याप्ता, ११ असज्ञी पञ्चेन्द्रिय का अपर्याप्ता, १२ असंज्ञी पञ्चेन्द्रिय का पर्याप्ता, १३ सज्ञी पञ्चेन्द्रिय का अपर्याप्ता, १४ सज्ञी पञ्चेन्द्रिय का पर्याप्ता।
विस्तार नय से जीव के ५६३ भेद :-- १ नारकी के चौदह भेद, २ तिर्यञ्च के अड़तालीस, ३ मनुप्य के तीन सौ तीन, और ४ देवता के एक सौ अठाणु । नारकी के १४ भेद -
१ धम्मा, २ वसा, ३ सीला, ४ अजना, ५ रिप्टा, ६ मघा और