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गतागति द्वार
१३५ भवनपति, वाणव्यन्तर, ज्योतिषी, पहिला दूसरा देव लोक में अन्तर पड़े तो जघन्य एक समय उत्कृष्ट चौबीस मुहूर्त का, तीसरे देव लोक मे अन्तर पड़े तो जघन्य एक समय उत्कृष्ट नव दिन
और बीस मुहूर्त का। ___ चौथे देवलोक मे अन्तर पड़े तो जघन्य एक समय उत्कृष्ट बारह दिन और दस मुहूर्त का।
पाचवे देव लोक मे अन्तर पड़े तो जघन्य एक समय उत्कृष्ट साड़ा बावीस दिन का ।
छठे देवलोक मे अन्तर पडे तो जघन्य एक समय उत्कृष्ट पैतालीस दिन का।
सातवे देवलोक मे अन्तर पड़े तो जघन्य एक समय उत्कृष्ट अस्सी दिन का।
आठवे देवलोक में अन्तर पडे तो जघन्य एक समय उत्कृष्ट सौ दिन का। ___ नववे, दशवे देवलोक में जघन्य एक समय उत्कृष्ट संख्याता माह का, ग्यारहवे, बारहवे देवलोक में जघन्य एक समय उत्कृष्ट सख्याता वर्ष का, मवेयक की पहली त्रिक् मे अन्तर पड़े तो जघन्य एक समय का, उत्कृष्ट संख्याता सौ वर्ष का, वेयक की दूसरी त्रिक मे जघन्य एक समय उ० सख्याता हजार वर्ष का ग्रे वेयक की तीसरी त्रिक् मे ज० एक समय उत्कृष्ट संख्याता लक्ष वर्ष का, चार अनुत्तर विमान में ज° एक समय उ० पल्य के असख्यातवे भाग, पांचवे सर्वार्थसिद्ध विमान में ज० एक समय उ० संख्यातवे भाग।
पाँच एकेन्द्रिय मे अन्तर नही पडे ।
तीन विकलेन्द्रिय और तिर्यच समूछिम में अन्तर पड़े तो जघन्य एक समय उत्कृष्ट अन्तर मुहूर्त का ।