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नारकी का एक तथा देवता के तेरह एवं १४ दन्डक
१ शरीर द्वार : --
नारकी मे शरीर पावे तीन- १ वैक्रिय, २ तेजस्, ३ कार्माण । देवता मे शरीर पावे तीन - वैक्रिय, २ तेजस्, ३ कार्माण | २ अवगाहना द्वार :
१ पहली नारकी की अवगाहना जघन्य अगुल के असंख्यातवे भाग, उत्कृष्ट पोना आठ धनुष्य और छ अगुल ।
२ दूसरी नारकी की अवगाहना जघन्य अगुल के असख्यातवे भाग, उत्कृष्ट साडा पन्द्रह धनुष्य व बारह अगुल ।
३ तीसरी नारकी की अवगाहना जघन्य अंगुल के असंख्यातवे भाग, उत्कृष्ट सवाइकतीस धनुष्य की ।
४ चौथी नरक की अवगाहना जघन्य अगुल के असख्यातवे भाग, उत्कृष्ट साडा बासठ धनुष्य की ।
५ पाचवे नरक की जघन्य अगुल के असंख्यातवे भाग, उत्कृष्ट १२५ धनुष्य की ।
६ छठे नरक की जघन्य अंगुल के असख्यातवे भाग, उत्कृष्ट २५० धनुष्य की ।
७ सातवे नरक की जघन्य अंगुल के असंख्यातवे भाग, उत्कृष्ट ५०० धनुष्य की । उत्तर वैक्रिय करे तो जघन्य अगुल के असख्यातवे भाग, उत्कृष्ट --- जिस नरक की जितनी उत्कृष्ट अवगाहना है, उससे दुगनी वैक्रिय करे ( यावत् सातवे नरक की एक हजार धनुष्य की अवगाहना जानना । )