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________________ नंदी-सुतं ... .. ३१७ से णं अंगठ्ठयाए पंचमे अंगे, . . . . . एगे सुयक्खंधे, एगे साइरेगे अज्झयणसए, .. दस उद्देसगसहस्साइं, दससमुद्देसगसंहस्साई, छत्तीसं वागरण-सहस्साई, . .... दो लक्खा अट्ठासीइं पयसहस्साइं पयग्गेणं, . संखिज्जा अक्खरा, अणंतागमा, अणंतापज्जवा, परित्ता तसा, अणंता थावरा, सासय-काड-निवद्ध-निकाइया जिणपण्णत्ता भावा आधविज्जति, पण्णविजंति, परूविज्जति, दंसिज्जंति, निदंसिज्जंति, उवदंसिज्जति । से एवं आया, एवं नाया, एवं विण्णाया, एवं चरण-करण-परूवणा आघविज्जइ । से तं विवाहे । । ___ सुत्तं ५० से किं तं नायाधम्मकहाओं ? . नायाधम्मकहासु णं . नायाणं नगराइं, उज्जाणाई, चेइयाई, वणसंडाई, समोसरणाई. रायाणो, अम्मापियरो, . . . धम्मायरिया, धम्मकहाओ, इहलोइयपरलोइया इड्डिविसेसा, भोगपरिच्चाया, पव्वज्जाओ, परिआया, सुयपरिग्गहा, तवोवहाणाई, संलेहणाओ, भत्तपच्चक्खाणाइं, पाओवगमणाई देवलोगगमणाई, सुकुलपच्चाइयाओ, पुणवोहिलाभा, अंतकिरियाओ य आधविज्जंति । . दस धम्मकहाणं वग्गा, तत्थ णं एगमेगाए धम्मकहाए पंच पंच अक्खाइयासयाई,
SR No.010329
Book TitleJainagam Pathmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAkhileshmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1974
Total Pages383
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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