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'छत्तीसइमं अज्झयणं
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इइ बेइन्दिया एए णेगहा एवमायओ। .
लोगेगदेसे ते सव्वे न. सव्वत्थ वियाहिया ।।१३१॥ ... संतई पप्पडणाईया अपज्जवसिया वि य।
ठिई पड़च्च साईया सपज्जवसिया वि य ॥१३२।।
वासाई वारसे व उ उक्कोसेण वियाहिया। ..: बेइन्दियआउठिई अन्तोमुत्तं जहन्निया ।।१३३।। ..संखिज्जकालमुक्कोसं अन्तोमुहत्तं जहन्नयं ।। - बेइन्दियकायठिई तं कायं तु अमुचओ ॥१३४॥
अणन्तकालमुक्कोसं अन्तोमुहत्तं जहन्नयं । बेइन्दियजीवाणं अन्तरेयं वियाहियं ।।१३।। । एएसिं वण्णओ चेव गन्धओ रसफासओ। संठाणादेसओ वावि विहाणाई सहस्ससो।।१३६।।
तेइन्दिया उजे जीवा दुविहा ते पकित्तिया। .. पज्जत्तमपज्जत्ता तेसि भेए सुणेह मे ॥१३७।।
कुन्थुपिवीलिउड्डंसा उक्कलुद्देहिया तहा। तणहारकट्ठहारा मालुगा पत्तहारगा ॥१३॥ कप्पासऽद्धिमिजा य . तिदुगा तउसमिजगा। सदावरी य गुम्मी य बोद्धव्वा · इन्दकाइया ||१३६।। इन्दगोवगमाईया गहा एवमायओ।.. लोएगदेसे ते सव्वे. न सव्वत्थ . वियाहिया ॥१४०॥ संतई पप्पऽणाईया. अपज्जवसिया वि य।। ठिई पडुच्च साईया संपज्जवसिया वि य ॥१४१॥