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___ छत्तीसइमं अज्झयणं .. .
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२५१ .सीया उण्हा य निद्धा य तहा लुक्खा य आहिया। इइ फासपरिणया एए पुग्गला समुदाहिया ॥ २१ ॥ संठाणपरिणया जे उ पंचहा ते पकित्तिया । परिमण्डला य वट्टा तंसा चउरंसमायया ॥ २२ ।। वण्णओ जे भवे किण्हे भइए से उ गन्धओ। रसओ फासओ चेव भइए. संठाणओ वि य ॥ २३ ।। वण्णओ जे भवे नीले भइए से उ गन्धओ। रसओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य ॥ २४ ॥
वण्णओ लोहिए जे उ भइए से उ गन्धओ। . रसओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य ॥ २५ ॥
वण्णओ पीयए जे उ भइए से उ गन्धओ। रसओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य ॥ २६ ।। वण्णओ सुक्किले जे उ भइए से उ गन्धओ। रसओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य ॥ २७ ।। गन्धओ जे भवे सुभी भइए से उ वण्णओ। रसओ · फासओ चेव भइए संठाणओ वि य ।। २८ ॥ गन्धओ जे भवे दुम्भी भइए से उ वण्णओ। रसओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य ॥२६॥
रसओ तित्तए जे उ भइए से उ वण्णओ। .. गन्धओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य ।। ३०॥ रसओ कडुए जे उ भइए से उ वण्णओ। गन्धओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य ।। ३१ ।।