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बत्तीसइमं अभियणं सब्बं ती जागा पासए र अमोहणे होइ निरन्तराए। अगासवे साणसमाहिजुत्ते आउपखए मोक्नुमुवेइ सुद्धे ।। १०६ ॥ सो तस्स नव्वन्स दुस्स मुक्को ज बाहई सययं जन्तुमेयं । दोहामविप्पमुक्यो पत्तत्थो तो होइ अच्चन्तसुही कायस्थो ॥ ११० ।। अणाइकालप्पभवस्स एसो सबस्त दुक्खस्स पमोक्खमांगो। विवाहिओ जं समुविच्च सत्ता कामेण अचन्तनुही भवन्ति ॥ १११ ॥
त्ति बेमि ॥