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दसवेआलियं
जो जीवे विन याणाइ अजीवे विन याणई । जीवाजीवे अयातो कहं सो नाहिइ संजम ? ।। १२ ।। जो जीवे विवियाणाइ अजीवे वि वियाणई । जीवाजीवे वियाणंतो सो हु नाहिइ संजमं ॥ १३ ॥
जया जीवे अजीवे य दो वि एए वियाणई ।
तया गई वहुविहं सव्वजीवाण
जाणई ।
जया गई वहुविहं सव्वजीवाण तया पुण्णं च पावं च बंधं मोक्खं च जाणई ।। १५ ।।
जया पुण्णं च पावं च बंधं मोक्खं च जाणई । तया निव्विदए भोए जे दिव्वे जे य माणुसे || १६ ||
जया निव्विदए भोए जे दिव्वे जे य माणुसे । तया चयइ संजोगं
जया चयइ संजोगं
तया मुडे भवित्ताणं पव्वइए
जाणई ॥ १४ ॥
सभिंतरवाहिरं ॥ १७ ॥
सभिंतरवाहिरं । अणगारियं ॥ १८ ॥
जया सुडे भवित्ताणं पव्वइए तया संवरमुक्किट्ठ धम्मं फासे
अणगारियं 1.
फासे
जया संवरमुक्किट्ठ धम्मं तथा धुणइ कम्मरयं अवोहिकलुसं
जया धुणइ कम्मरयं अवोहिकलुसं
तया सव्वत्तगं नाणं दंसणं
अणुत्तरं ॥ १६ ॥
अणुत्तरं ।
कडं ॥ २० ॥
कडं | चाभिगच्छई ॥ २१ ॥