________________
दसमं अज्झयणं
१११
परिजूरइ ते सरीरयं केसा पण्डुरया हवन्ति ते । से घाणवले य हायई समयं गोयम ! मा पमायए ।। २३ ।। परिजूरइ ते सरीरयं केसा पण्ड्रया हवन्ति ते । से जिभवले य हायई समयं गोयम ! मा पमायए ।। २४ ।। परिजूरइ ते सरीरयं केसा पण्डुरया हवन्ति ते । से फासवले य हायई समयं गोयम! मा पमायए ॥ २५ ।। परिजूरइ ते सरीरयं केसा पण्डुरया हवन्ति ते । से सव्ववले य हायई समयं गोयम ! मा पमायए ॥ २६ ॥
अरई · गण्डं विसूइया .
आयंका विविहा फुसन्ति ते। विवडइ विद्धंसइ ते सरीरयं
समयं गोयम ! मा पमायए । २७ ।। वोछिन्द सिणेहमप्पणो.
कुमुयं सारइयं व पाणियं । से सव्वसिणेहवज्जिए
समयं गोयम ! मा पमायए ।। २८ ।। चिच्चाण धणं च भारियं
.. पव्वइओ हि सि अणगारियं । मा वन्तं पुणो वि आविए
समयं गोयम! मा पमायए ।। २६ ।। ... अवउज्झिय मित्तवन्धवं
विउलं चेव धणोहसंचयं । मा तं विइयं गवेसए .
समयं गोयम! मा पमायए ॥ ३० ॥