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जैन तीर्थयात्रादर्शक |
पूजन करे और मनुष्य जन्मको धन्य माने | इस वनसे वरदत्त, सागरदत्त आदि ३५०० हजार मुनि मोक्षको गये हैं । यहीं यात्रा करके वापिस लौटकर स्टेशन जावे। यहांसे गिरनारजी जानेवाले (||) देकर जूनागढ़की टिकिट ले लेवे और अहम - दावादवाले १|||) रुपया देकर वहांका टिकिट लेवें। और आबू जानेवाले २) देकर आवरोड़का टिकिट ले लेवे और पालीतानावालोंको उघरका टिकिट लेना चाहिये । सब तरफका हाल नीचे देखें | 1
भावनगर, जूनागढ़
(१) महेसाणा गाड़ी बदलती है। आगेड़, अजमेर आदि जानेवालोंको ऊपर हाल देखना चाहिये ! (२) नहेसाणा गाड़ी बदलकर पाहून जानेवाला पाटन जावे, पाटन भी अच्छा शहर है। श्वेतांबर मंदिर वस्ती बहुत है, दि० कुछ नहीं है । (३) गिरनार पालीताना । जानेवालोंको वीरमगांव जाना चाहिये । वीरमगांव छोटामा है, स्टेशन के सामने धर्मशाला है, यहांसे एक रेलवे काठियावाद तरफ जाती है. 11) टिकटका लगता है। बढ़वान जाती हैं । बीचमें बढ़वान जंकशन पड़ता है यहांपर रेल बदलती है, सो कुली वगैरह मे पूछ लेना चाहिये। यहांसे १ रेलवे ब्रह्मपुत्र तक जाती है, एक वांकानेर मोरबी जाती है, एक मिहोर, भावनगर जाती है, एक राजकोटसे जेतलसर जंक्शन होकर जूनागढ़, वेरावल तक जाती है । अगर यात्रिगण पहिले गिरनारजी जाना हो तो राजकोट होकर जेतलसर होता हुआ सीघा जूनागढ़ जावें । फिर यात्रियोंको पालीताना ( शत्रुञ्जय ), सीहोर, भावनगर, घोघा जाना हो तो बढ़वान से भावनगरको गाडी में लींबड़ी होता हुआ भावनगर जावे | यात्रियों को हरवक्त रास्तामें कोई आदमीको
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