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जैन तीर्थयात्रादर्शक । धर्मशालामें उतरना चाहिये। बगल में एक दूसरी हिन्दू धर्मशाला भी है। फिर सेट सा. की नशियानी ननदीक है सो वहांपर जावे। वहांपर नशिया और मंदिरनी है। मंदिरनीमें प्राचीन प्रतिमा स्फटिकमणिकी है । मंदिरके पीछे हाथी घोड़ा अनेक तैयारी ऊपर बंगलामें समवशरणनी और अयोध्याकी रचना, हनारों फौज देव देवियोंकी, भगवानको मेरुपर लेनाना, अभिषेक करना इत्यादि हैं और मंदिरजीकी दीवालोंके ऊपर शास्त्रका लेख, मुनिराजका आहारदान, धर्मोपदेश, भगवानकी पंचकल्याणककी रचना लिखी है । सबका दर्शन करें। फिर आगे नगियांनीमें ३ मंदिर हैं। उनका दर्शन करें। फिर शहरमें सेटमा०के मंदिरजीका दर्शन और शास्त्र जो दीवालोंके ऊपर लिग्वा है और गंधकुटीकी रचना और स्फटिकमणिकी चतुर्मुखी प्रतिमाकी छविका दर्शन करे । शहरमें ६ मंदिर और हैं। एक भट्टारकनीका मंदिर बड़ा है। जिसमें प्राचीन बहुत प्रतिमा हैं । सबका दर्शन भाव सहित करना चाहिये । किसी हिन्दू भाईको अजमेरसे पु-करजी जाना हो, या किसी नैनी भाईकी देखने की इच्छा हो तो १० मीलपर पक्की सड़कसे चला जाय । तांगा मोटर आदि. १)के भाड़ेसे जाती हैं। पुष्करनी एक ग्राम है। वैष्णवोंके बहुत मंदिर हैं । पुष्कर 'एक तालावका नाम है। उसके उपर घाट बंधा है। तटपर ही मंदिर है। भासपासमें कुंड हैं। उसमें वैष्णव लोग स्नान करके पूना भेट चढ़ाकर पिंड दान तर्पणादि करके कुछ पंडोंको देकर चले आते हैं! वापिस अजमेर माना चाहिये। स्टेशनपर जाफर वहांसे एक लाइन नसीराबाद खंडवा आदिको जाती है। ब्यावर भाबूसे बहम.