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जैन तीर्थयात्रादर्शक |
retas वही मंदिर धर्मशाला ग्राम जागीर मौजूद है । (१) यहांसे यात्रा करके लौटकर या टुक सांगानेर होता हुआ सीधा जयपुर जावे (२) अथवा नागदा रतलाम ब्यादिकी तरफ जावे (१) आगे जाना हो तो बीचमें बयाना गाडी बदलकर आगरा जावे । ( ४ ) अगर कहीं न जाना हो तो इसी गाडीसे सीधा मथुरा जावे। टिकट प्रायः २) होगा | बीचमें भरतपुर भी पड़ता है । किसीको उतरना हो तो उतर पड़े। नहीं तो सीधा मथुरा चला जाना चाहिये । (३१) जम्बूस्वामी - चौरासी ।
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मथुरा स्टेशन से २ || मीलकी दूरीपर चौरासीकी धर्मशाला और मंदिर है । अगर शहर में जाना हो तो भी २ मील शहरमें धियामंडी में श्री जैन मंदिर और धर्मशाला है। यात्रियोंकी जहां इच्छा हो वहां पर ठहरें ।
( ३२ ) मथुरा ।
यह शहर भी प्राचीन है। शास्त्रोंमें इस नगर में शत्रुन आदि बड़े १ राजा हुए थे, ऐसा लिखा है । बड़ा भारी शहर है। यहांपर कृष्णजी तथा जमना बड़ा भारी तीर्थ है । सैकड़ों मंदिर वैष्णवों के देखने योग्य हैं। बाजार भी अच्छा है । सबै प्रकारकी वस्तुएं यहां मौजूद मिलती हैं। चौरासी क्षेत्रसे तीसरे केवली जम्बूस्वामी मोक्ष पधारे थे। वहांपर बड़ा भारी मंदिर है। यहांपर ऋषभ ब्रह्मचर्याश्रम भी हैं। उसके अधिष्ठाता पं० दीपचंदजी वर्णी हैं। उसमें भी दान देना चाहिये। शहर में घियामंडी में ३ मंदिर हैं । फिर नावसे जमना पार होकर उस तरफ गोकुल में जाते हैं। वहां भी एक चैत्यालय है। यात्रियोंकी इच्छा हो तो