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२०६] जैन तीर्थयात्रादर्शक । दि० धर्मशाला, ४० घर व १ मन्दिर है । मन्दिरमें ४ वेदी व प्रतिमा रमणीक हैं । यहांके दर्शनसे पाप कट जाता है । यहांकी यात्रा करके मऊ लौट भावे । अगर यहांसे मोटरका सुभता पड़ जाय तो कुकशी होकर सुमारी जावे। कुकशीसे तालनपुरकी यात्रा करके फिर कुकशी आजाय । फिर कुकशीसे बड़बानी चला जाय, अपने सुभीतेसे काम करना चाहिये । धारसे कुकशीकी मोटरका ४) सवारी लगता है। यहांमे १ राम्ता राजघाट (नर्मदाका घाट) ऊपर जाकर मिलता है, फिर १ धर्मपुरी-बड़वानी जाता है ।
(३५६) कुकशी। धार स्टेटके राज्यमें यह अच्छा शहर है । व्यापार अच्छा होता है। यहां ३ घर दि. जैन व १ मन्दिर है । २०० घर श्वेतांबरी व ७ मन्दिर हैं। यहां सेठ रोडमल मेघराननी सुसारीवालोंकी दुकान है। उनसे मिलनेपर वे अच्छी खातिर करते हैं। आप सजन धर्मात्मा एवं दानी हैं। यहांसे ३ मील दूर पश्चिमकी तरफ तालनपुर क्षेत्र हैं। पक्की सड़क लगी है। बहुत लोग रास्ते में आते जाते रहते हैं । यहींपर पुनारी रहता है। हमेशा पूनाको वहांपर जाता है, उसके साथ त लनपुर जाना चाहिये ।
(३५७ ) तालनपुर अतिशयक्षेत्र ।। यहांपर १ धर्मशाला कुआ व जंगल है । एक श्वेतांबर मंदिर है। जिसमें बहुत प्रतिमा हैं उनमें कुछ प्रतिमा दि० हैं। १ मंदिर दिगम्बरी है, जिसमें ७ प्रतिमा प्राचीनकालकी दृमरे रंगढंगकी हैं। उनमें से १ प्रतिमा मल्लिनाथ स्वामीकी बड़ी मनोहर नख केश सहित ऐसी आंगोपांग हैं कि हम लिख नहीं सकते हैं।