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जैन तीर्थयात्रादर्शक |
ariपर अवश्य जाना चाहिये । सो ही निर्वाणकांड में कहा हैरेवा नदी सिद्धवरकूट, पश्चिम दिशा देह जहां छूट । द्वै चक्री दश काम कुमार, ऊठ कोड़ बंदौं भवतार || २ चक्रवर्ती, १० कामदेव, साढ़े तीन करोड़ मुनि मोक्षको पधारे हैं | यहांकी यात्रा करें । लौटकर मोरटक्का स्टेशन आना चाहिये | फिर टिकट ११) देकर मऊकी छावणीका लेवे । बीचमें I बड़वाहा पड़ता है | वहां पर भी उतर पड़ना चाहिये | यहांसे भी मोटर, बैलगाडीसे बड़वानी जाते हैं।
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( ३५२ ) बड़वाहा |
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यह शहर अच्छा है, १ मन्दिर और बहुत घर जैनियोंके हैं । यहां दानशीला वेशरबाई नामकी धर्मात्मा बाई रहती हैं। यहांसे मोटर आदि द्वारा ४० मील बड़वानी जाना चाहिये । बीच में महेश्वर सुन्दर रोल आदि ग्राम पड़ते हैं। सबमें दि० जैनियोंकी बस्ती है । मन्दिर भी हैं, महेश्वर शहर अच्छा है, ६० घर जैनियोंके हैं। ( ३५३ ) महेश्वर |
यहां पर बड़ा भारी मन्दिर है । उपमें प्राचीन प्रतिमा बहुत हैं । १ सहस्रकूट चैत्यालय है । मन्दिर भी मजबूत और कीमती है । यह भी एक अपूर्व रचनाका तीर्थ स्थान है । यहां पर नर्मदा नदी बहती है | यहां पर महादेवका मन्दिर व नर्मदाका घाट बंधा हुआ है । बहुत लोग यहांपर पिण्ड दान करनेवाले अन्यमती लोग खाते हैं । नदीपर पुराना किला देखने काबिल है | शहरमें और १ मंदिर व २ चैत्यालय हैं। यहांसे बड़वानी जाते हैं । लौटकर बड़वाह आना चाहिये । जहांतक हो भाइयों को यह दर्शन अवश्य
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