________________
जैन तीर्थयात्रादर्शक। देखकर सहायता करना चाहिये। लौटकर वापिस बारसी टाउन मावे। टिकट II) देकर एडसीका ले लेवे ।
(३०७) एडसी स्टेशन । ___ यहांपर धाराशिव (उस्मानावाद)को हर समय मोटर मिलती है। 1) सवारी लगता है, १४ मील उम्मानाबाद पड़ता है, पक्की सड़क लगी है । (१०८) धाराशिव (उस्मानावाद) अतिशयक्षेत्र, गुफा दर्शन।
ग्राम अच्छा है, यहांपर १ मन्दिर, १ चैत्यालय है, उसमें बहुत रमणीक प्रतिमाएं हैं। यहांसे पुमारीको लेकर या किसी भाद. मीको साथ लेकर २ मील दूर गुफाओंके दर्शनोंको जाना चाहिये। गुफाओंको यहांपर " लहाणा" कहते हैं । भागे १ मील सोपा रास्ता है । फिर पहाड़ है, नीचे १ पानीका नाला पड़ता है, उतर कर फिर पहाड़पर चढ़ना पड़ता है, फिर कुछ दूर जाकर पहाड़ उतरना पड़ता है, फिर एक महादेवका मंदिर है, वहांपर १ ब्राह्मण अपने कुटुम्ब सहित रहता है। वहांपर बड़ेर पहाड़ोंको काटकर मुनिराजोंके ध्यान करने की बड़ी २ गुफाएं बनाई गई हैं। उसमें बहुत कालतक मुनि साधु बिराजकर ध्यान करते थे। एक गुफामें और ही रंग-ढंगकी और दुसरे पाटकी प्रतिमा विराजमान हैं। उसकी उपमा कहांतक लिखी जाय । एक गुफा खाली है, तीसरी गुफामें पानीक कुण्ड है, ऊपर प्रतिमा बिराजमान हैं। यह भी लक्षोंका काम है, इस क्षेत्रकी पूजा एक ग्वालने सहस्र पाखुरी कमल के फूलसे की थी। सो मरकर रामा करकण्डु हुमा था जिसकी कथा पुमाके प्रसंगमें कथाकोमोमें किसी से पदपर पूनम ति देना चाहिये ।