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जैन तीर्थयात्रादर्शक |
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यहांपर दि० जैनियोंके घर बहुत हैं। यहांपर १ बोर्डिंग, पाठशाला, कन्याशाला व श्राविकाश्रम भी है । १ श्री आतनुर, २ श्री आष्टै विघ्नेश्वर पानाथ अनिशय क्षेत्रोंके विषयमें शोलापुरके भाईयोंसे पूछकर यात्रा करना चाहिये ।
( ३०२ ) वारसी रोड कुर्डुवाडी |
यहां पर हरहमेश भीड रहती है। यहां पर हिदुओं का परमपवित्र पंढरपुर तीर्थ है । अन्यमती लोग हजारोंकी संख्या में रहते हैं । बारमी रोडपर खानेपीनेका सामान सब मिलता है । यहापर १० घर दि० जैनियोंके हैं। यहां पर पार्थनाथस्वामीका १ मंदिर व २ चन्य' लय हैं | मालमत्र मिलता है । यहां १ रेलवे पूना, एक शोलापुर होकर होटगी, १ बारसी टाऊन होकर लातुर व एक रेलवे गयचुर जाकर मिलती है । एक पहरपुर जाती है । टिकट ||) देकर पढरपुरका लेना चाहिये ।
(३०३) पंढरपुर तीर्थराज |
स्टेशन मे २ मील शहर है । धर्मशाला, पाठशाला, कन्याशाला और ६० वर दि० जेनियोक हैं । शहर में २ मंदिर और धातुकी प्रतिमा है। ग्राम में १ बडा भारी मंदिर वैष्णवोंका है । यह मंदिर पहिले नेमिनाथ स्वामीका दि० जेन था, सो आन वैष्णवका दीखता है । मंदिर बहुत लम्बा चौड़ा है । ३ दरवाजा, बडा भारी कोट, बीचर में छोटा मंदिर है । यहांपर चंद्रभागा नदी बहती है । नदीके दोनों तरफ घाट बंधा हुआ है। वैष्णवोंके मंदिर बहुत हैं। यहांपर हजारों लोग हरवक्त खाते हैं । नदीमें पिंडदान, हाडक्षेपण, तर्पणादि करते हैं ! बाजार बडा है । सामान सब मिलवा