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१५२] जैन तीर्थयात्रादर्शक । पमिड है। हनारों लोग यात्राको माते-जाते हैं। यहांसे फिर ३ मील दूरीपर १ ग्राम पड़ता है। वहांपर मंदिर व जैन घर हैं। फिर भागे १४ मील दूर सीताम्बुर ग्राम है । यहां भट्टारकजीका मकान ३ मंदिर और बहुत प्रतिमा हैं । यहांसे पूर्वदिशामें १ पीसुम ग्राम है । १ मील दूर पड़ता है। यहांपर श्री आत्मानुशासनके रचयिता गुणभद्राचार्यका जन्म हुमा था । बहुत काल वीत गया है। एक वावड़ी पर १ छत्री और चरणपादुका है । लौटकर सीताम्बुर आवे । यहांसे मोटरसे १४ मील तीडीवनम जावे । यह शहर अच्छा है । १ दि. जैन धर्मशाला, १ मंदिर, २ तालाव
और बहुत घर दि. जैनियोंके हैं । यहांसे आप मील तीड़ीवनम स्टेशन है । १।-) देकर मद्रास चला जाना चाहिये । फिर चाहे मिघर चला जासकता है। आराकोनमसे १ गाड़ी तींडीवनम जाती है। टिकिटका ||-) लगता है।
(२५५) कटपाड़ी स्टेशन । यहांसे टिकिट १॥) देकर माधीमंगलम्का लेलेना चाहिये। फिर गाड़ी बदल कर माधीमंगलम् जावे ।
(२५६ ) माधी मंगलम् । म्टेशनसे १ मील ग्राम है। ग्रामसे किसी आदमीको साथ लेकर २ मील दूर तीरुमले ग्राम जावे । इमी नामका पहाड़ सामने दिखता है।
(२५७ ) तीरुमले पहाड़। यह छोटा ग्राम है, आचार्य श्री वादीमसिंहका यह जन्म स्थान है । यहांपर जैन बहुत रहते थे। मुनिरान पहाड़की गुफा