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जैन तीर्थयात्रादर्शक। [१३५ अपने दि. जैन मंदिर बहुत कीमती बने हुए हैं। १ बेलगछिया, १ चांवलपट्टीमें, ३ पुरानी वाडी, ४ हरीसन रोडके पास चितपुर रोड़ नं० ८१ में हैं । सबका दर्शन करना चाहिये । एक चैत्यालय जैन अग्रवालोंका चांवलाहीमें है। मंदिरोंमें धातु पाषाणकी प्रतिमा रमणीक हैं। कलकत्ता एक नम्बरका शहर है । शहरकी गली२ दुकान २ देखने योग्य हैं । इस शहरको जिसने नहीं देखा उसने कुछ नहीं देखा। इस शहरके देखनेसे और शहरके देखनेकी इच्छा नहीं होती है। यहांपर ४-५ दिन ठहरकर कुछ खर्च करके शहरको देखना चाहिये । दि० नैन भाईयों के २००-३०० घर हैं। फुटकर व्यापार करने वाले प्रायः ६०० मनुष्य होंगे । देखनेयोग्य ये चीजे हैं___ हरीपनगेड, बानार, कोठियां, बाबु बद्रीदास नी जौहरीका बगीचा, मंदिर, यहींपर श्वेताम्बर ४ मंदिर हैं, वे देखनेयोग्य हैं। टंकमाल, हाफपा० का बाजार, मनायबघर, तार घर, बड़ा डाकखाना, विनलीघर, गंगाका पुल, नहान, अग्निबोट, अलीपुर चिड़ियाघर, हावड़ा स्टेशन इत्यादि ची में देखना चाहिये। कलकत्तेमें हाबड़ा और म्यादला ये दो स्टेशन हैं। रेलवे लाईन चारों तरफ जाती हैं। अगर अग्निवोटकी यात्रा करनी होय तो कलकत्तेसे ॥)का टिकट लेकर बाली और उत्तरपाड़के दर्शन करके कलकत्ता लौट मानावे । अगर किसीको आगबोट नहानमें किधरको नाना हो तो ब्रह्मपुत्र और समुद्रमें होकर पोरबंदर, बंबई, मंगलूर, बेंगलूर, भासाम, ब्रह्मपुत्र, विलायत तक नासकते हैं।
अब मैं कलकत्तेके मागे मासामका उल्लेख कर देता हूं। कल.