SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 154
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १०० ] जैन तीर्थयात्रादर्शक | सब बातका आराम है । फिर इसी मुहल्ले में बड़े२ मंदिर कीमती चैत्यालय हैं | किलाके पास १ मंदिर, धीरज पहाड़ी पर एक मंदिर और भी बहुत जगह मंदिर चैत्यालय हैं । सो किसी जानकार आदमीको साथ लेकर इच्छानुसार दर्शन करना चाहिये । यहां दि० जैनियोंके घर बहुत हैं । बड़े पण्डित धनाढ्य सज्जन रहते हैं । शास्त्रोंकी भाषा और कविता करनेवाले बड़े२ पंडित द्यानतरायादि होगये हैं | बड़ा बाजार, चांदनी चौक, सदरमंडी, हुमा का मकबरा, कम्पनी राग, अजायबघर, जुम्माममजिद, जनरलबाग, जंगलका मक्कवरा, काची ममजिद, किला, बादशाही मकान, टंकशाल इत्यादि चीजें देखने योग्य हैं । समंतभद्राश्रम जो करौकबाग में है देख लेना चाहिये | यहांपर दि० जैन महिलाश्रम, अनाथालय, कन्याशाला, पठशाला आदिका निरीक्षण करें। लौटकर स्टेशन आवे, फिर टिकिटका ) देकर खेखड़ा स्टेशन जावे, देहलीमें ट्राम गाड़ी हर जगह जाती हैं फिराया भी कम लगता है । इसीसे शहर घूम लेना चाहिये । - ( १७२ ) खेखड़ा | स्टेशनपर १ अन्य मतियोंकी धर्मशाला है, ठहरना हो तो ठहर जावे, नहीं तो ।) तांगा करके ४ मीलपर स्टेशनसे सीधा बड़ागांव चला जाय, रास्ता सड़का है । ( १७३ ) बड़गांव अतिशयक्षेत्र । हाल ही ५ वर्षोंमें यह नया तीर्थं प्रगट हुआ है, यहां पर १ आदमीको स्वप्न हुआ था । जमीन खोदनेपर ४ घातुकी प्रतिमा निकली। जमीन के खोदनेसे प्रतिमाओंके नीचे महापवित्र रोग
SR No.010324
Book TitleJain Tirth Yatra Darshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages273
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy