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९८] जैन तीर्थयात्रादर्शक ।
(१६७) हाथरस । गांव टेशनसे नजदीक है, शहर अच्छा है, धर्मशाला स्टेशनसे पाव मील है। यहांपर सुनहरी हलकी चित्रकारी और जड़ाईके काम संयुक्त ३ बड़े२ मन्दिर हैं, प्रतिमा बहुत रमणीक हैं। शहर बिलकुल साफ देखने योग्य है । दि० नैनियोंके घर बहुत हैं। यहांसे एक रेलवे मथुग, आगरा, कासगंज, देहलीतक जाती है।
(१६८) अलीगढ़ जंकशन । स्टेशनसे ? मील की दूगेपर सेट सोनपाल ठाकुरदासनीकी धर्मशालामें टहरना चाहिये । यहां पर मब बातका आराम है । यहांपर । मंदिर, १ लक्खीरायमें, गहामें ४ मंदिर हैं। सब मंदिर कीमती और बदया हैं। सब दर्शन करना चाहिये । बाजार भी देख लेना चाहिये । यहाँपर पं० प्यारेलाल जी थे । जैनियों के घर बहुत हैं। यहांमे श्री अहिक्षेत्रनीको नानेके वारेमें ठीकर पूछ लेना चाहिये। फिर अलीगढ़ बरेली लाईनमें अंबालाका टिकट लेवे । किराया ? ||-) लगता है ।
(१६५) अंबाला । यहांले । मोलकी दृरीपर रामनगर है । इमको राजनगर अहिक्षेत्र भी कहते हैं। बैलगाड़ीमें जाना होता है। यह एक छोटासा ग्राम है । १ धर्मशाला है। यहांपर प्रति वर्ष चत्रवदी ८ से १२ तक मेला भरता है। यहां पर एक मंदिर और प्रतिमा है । श्री पार्श्वनाथ भगवानकी सातिशय चरणपादुका हैं। पार्श्वनाथ स्वामी यहांपर तपस्या करते थे सो कमटके जीव देवने घोर उपसर्ग किया था। धरणेन्द्र और पद्मावतीने उपप्तर्ग दूर किया था। भगवानको