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जैन तीर्थयात्रादर्शक। [८७ १ चैत्यालय और १० घर दि. नैनियोंके हैं। यहांसे छत्रपुर जानेको हर समय मोटर मिलती है । छत्रपुर यहांसे २८ मील है । टिकट मोटरका १॥) लगता है । बीचमें नयागांव छावनी पड़ती है।
(१४७ ) नयागांव छावनी । यह ग्राम भी अच्छा है । एक मंदिर और कुछ घर नैनियोंके हैं। यहांसे छत्रपुर १० मील पड़ता है ।
(१४८) छत्रपुर शहर। यह शहर रानासा का अच्छा और साफ है । यहांपर ३० घर दि० जन, ४ मंदिर और २ धर्मशाला भी हैं । मंदिरजीमें कुल वेदी १५ हैं । प्रचीन मनोज्ञ प्रतिमा हैं। शिखिर महात्मके रचियता पं० जवाहरलाल यहींके वामी थे। यहांका दर्शन करके मोटर, बलगाडो या तांगामे पक्की सड़क २८ मीलकी दुरीपर खनराहा जाना चाहिये । खनग जानेवालोंको दृमरा रास्ता राननगर होकर सीधा जाता है। इस राम्तेमें बलगाड़ी, घोड़ा, ऊट आदि सवारी नासकती है। रास्ता साफ है । चोर वगैरह का डर नहीं है। रास्ते में ४ गांव छोटे २ पड़ते हैं। फिर राजनगर यहांसे १२ मीलपर पड़ता है । राजनगर भी अच्छा शहर है। पोष्ट घर भी है । दि जैन मंदिर और १५ घर दि. जैनियोंके हैं। बानार, तालाव, पुराना मकान आदि रमणीक हैं। यहांसे ३ मील खनहरा है । खनहरा जानेका एक और भी रास्ता है-इसी जबलपुर इलाहाबाद लाईनमें सतना स्टेशन पड़ता है।
(१४९) सतना शहर । स्टेशनसे पाव मील दूर दि. जैन धर्मशाग है। यहीपर