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जैन तीर्थयात्रादर्शक। बातका सुभीता है। इसलिये लाटगंज ही उतरना चाहिये । यहांसे माघ मीलकी दूरीपर दिगम्बर जैन बोर्डिंग हाउस गोलबाजारमें है, यह एक विशाल इमारत है । फिर यात्रियोंको पूंछकर जबलपुरसे बैलगाड़ी, मोटर आदिसे २१ मील कौनीक्षेत्र जाना चाहिये । यह क्षेत्र पाटनसे ३ मीलकी दूरी पर है । यह एक छोटासा गांव है, यहांपर बहुत बढ़िया २ ग्यारह जिन मंदिर हैं, प्रतिमा भी प्राचीन हैं, दि० अनियोंके ८ घर हैं । यहांकी यात्रा करके जबलपुर लौट आवे । फिर कटनी मुडवारा होकर दमोह जाना चाहिये । जबलपुरसे मोटरमें जानेसे कम खर्च पड़ता है परन्तु कटनी बीचमें नहीं पड़ता है। रेलसे जानेसे थोड़ा खर्चा ज्यादः लगता है पर बीचमें कटनीका दर्शन होजाता है यह फायदा है।
(११८) कटनी-मुडवारा । मुडवारा नामका शहर है, कटनी नदीका नाम है, इसलिये इमको कटनी मुडवारा कहने हैं । यह शहर अच्छा है । एक दि. जैन धर्मशाला. २ बड़े मंदिर और पाठशाला है। दि० नैनियोंके घर बहुत हैं, स्टेशन के पास ही हिन्दू धर्मशाला है। स्टेशनसे आध मील जैन पाठशालामें भी ठहरनेका स्थान है। जो यहांसे कुंडलपुर जानेका सुभीता पड़ जावे तो यहीसे चला जावे अगर नहीं पड़े तो रेलवेसे दमोह जाकर कुंडलपुरकी यात्रा करे । कटनीसे १ लाईन सागर बीना दमोह होकर जाती है, दूसरी लाईन जबलपुर, तीसरी लाईन सतना इलाहाबाद जाती है तथा बिलासपुर भी जाती है।