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अहिंसा परमो धर्मः।
प्रास्ताविक.
अहिंसा वह सर्वमान्य धर्म है । कोई भी शास्त्रकार हिंसा में धर्म है ऐसा बता नहीं सकता । देखो ! महाभारत भी कहाँ तक कहता है :
" अहिंसा परमो धर्मस्तथाऽहिंसा परो दमः ।
अहिंसा परमं दानमहिंसा परमं तपः॥" " एतत् फलमहिंसाया भूयश्च कुरुपुङ्गव ? नहि शक्या गुणा वक्तुमपि वर्षशतैरपि ॥"
( अनुशासन पर्व, ११६ वा अध्याय. ३७-४१ ),