________________
( २२ ) हे भगवन् ! श्राप का सिद्धान्त निष्पक्ष है, क्यों कि उनमें एक ही चीज अनेक दृष्टिसे देखी जाती है, ऐसा आपने बतलाया है। केवल सिद्धान्त भेदसे ही परस्परमें ईर्ष्या, मत्सर होता है, ऐसी स्थिति स्याद्वादमें नहीं हो सकती।
attHin
Ell
Mini