SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 166
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पक AUR NEP -- - y . .. २० वाँ अधिकार. प्रतिमा-पूजन. प्र० चिंतामणि प्रमुख पदार्थों के पूजन से पूजक को तत्काल फलसिद्धि होती है। परमात्मा की पूजा तत्काल फल को नहीं देती उस का क्या कारण है ? उ. वास्तविक रीति से देखने पर स्पष्ट होता है कि जिस चीज को फलने का जो काल होता है उसी काल में वह फल को देती है। दृष्टान्त यह है कि-गर्भ जल्दि नहीं किन्तु प्रायः नव मास के बाद ही प्रसूति को पाता है। मंत्र भी कोई लक्ष जाप के बाद तो कोई कोटी जाप के बाद सिद्ध होता है । वनस्पति, पेड आदि भी अपने समय पर ही फलते हैं, हमारे शीघ्रता सर्व प्रयत्न निष्फल होते हैं। कोई चक्रवर्ती या ईन्द्रादिकी की हुई सेवा भी निश्चित समय के बाद फल को देनेवाली होती हैं । पारा भी जब
SR No.010319
Book TitleJain Tattvasara Saransh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurchandra Gani
PublisherJindattasuri Bramhacharyashram
Publication Year
Total Pages249
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy