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जैन तत्व मीमासां की
___ अतः प्रयोजन वश अथवा धर्म बुद्धिके आवेशमें आकर यदि कहीं पर कटु शब्दका प्रयोग हुआ हो तो उसको द्वषवुद्धि से किया गया है ऐसा न समझकर मेरे प्रति रोष न करें मैं उन से यही क्षमा याचना करता हूं और विद्वानोंसे यह भी प्रार्थना करता हूं कि ज्ञानकी मंदतासे यदि कहीं पर आगमविरुद्ध वात लिखी गई हो तो वे मुझे धर्म बुद्धिसे मेरी समझको धारणाको बागभानुकूल करे मैं उनका पूरा आभार मानूगा । और उनको मैं मेरा हितैषी समझगा।
इति शुभं भूयात्
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