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संशोधन : २९५
आश्रयसिद्ध पदार्थों
प्रयाणों
७०
कहलाहा बौध .."तारद गमयसि पर्याययकमारनन्दि न्यायप्रबेशकारक सामहित
आश्रयासिद्ध पदार्थों में प्रमाणों कहलाता बोध ..."तरिद गमयति पर्यायकुमारनन्दि न्यायप्रवेशकारको तरह समाहित ( हेतु)
२५१
वृक्षकी
१००
वृक्षका सकता अनि लिंगनर्शनात् अवधाणात्मक पदोर्थों ..."केवल पांच (प्रत्यभिज्ञान अभाशांश तथ्त है घटरहिता प्रतीयये स्वार्थानमान वितृत
सकती अग्नि लिंगदर्शनात् अवधारणात्मक पदार्थों ... केवल इन पांच ( प्रत्यभिज्ञान) अभावांश तथ्य यह है घटरहितता प्रतीयते स्वार्थानुमान विस्तृत
१०३ १० १०४ १०४
११२
पह
यह
११५ १२०
न्यानप्रवेश
१२०
प्रशस्तपादने प्रमाण'""कारने सिद्धसेनने
१
न्याय प्रवेशप्रशस्तपादने प्रमाण'""कारने सिद्धसेनने दूसरी स्वरूप
१२०
दूसरी
स्वरूप
१२३