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प्रमुख जैन तर्कप्रन्धकार और उनकी तकृतियाँ : २८९ विद्यानन्द
विद्यानन्दमहोदय तत्त्वार्थश्लोकवतिकमें स्वयं ( वि० ८३२-८९७ )
निर्दिष्ट तथा देवसूरि द्वारा
स्याद्वादरलाकरमें उद्धृत तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक गांधी नाथारंग ग्रन्थमाला अष्टसहस्री ( आसमीमांसा- गांधी नाथारंग ग्रन्थमाला अष्टशतीटोका) आप्तपरीआ
वीर सेवा मन्दिर, दिल्ली, प्रमाणपरीक्षा
सनातन जैन ग्रन्थमाला पत्रपरीक्षा युक्त्यनुशासनालंकार माणिकचन्द्र ग्रन्थमाला ( युक्त्यनुशासनटोका ) सत्यशासनपरीक्षा भारतीय ज्ञानपीठ, वाराणसी
श्रीपुरपार्श्वनाथस्तोत्र वीर सेवा मन्दिर, दिल्ली अनन्तकोति
जीवसिद्धिटीका वादिराजके पार्श्वनाथ( वि. १०वों शती )
चरितमें उल्लिखित बृहत्सर्वज्ञसिद्धि माणिकचन्द्र जैन ग्रन्थमाला
लघुसर्वज्ञसिद्धि देवसेन ( वि० ९९०) नयचक्र : प्राकृत )
प्रकाशित आलापपद्धति वसुनन्दि (वि.१०-११श.) आप्तमीमांसावृत्ति सनातन जैन ग्रन्थमाला काशी माणिक्यनन्दिर परीक्षामुख
अनेक स्थानोंसे प्रकाशित (वि. सं. १०५०-१११०) सोमदेव स्याद्वादोपनिषद् दानपत्रमें उल्लिखित, जैन
साहित्य और इतिहास पृ०८८ वादिराज (वि० १०८२) न्यायविनिश्चयविवरण भारतीय ज्ञानपीठ, वाराणसी
प्रमाणनिर्णय माणिकचन्द्र जैन ग्रन्थमाला प्रभाचन्द्र
प्रमेयकमलमार्तण्ड निर्णयसागर प्रेस बम्बई (वि.सं. १०६७-११३७) ( परीक्षामुखटीका )
न्यायकुमुदचन्द्र माणणिकचन्द्र जैन ग्रन्थमाला
( लघीयस्त्रटीका) १. इसका विशेष परिचय मेरे द्वारा सम्पादित और वीरसेवामन्दिर-द्वारा प्रकाशित आप्त
परीक्षाको प्रस्तावना देखें। २. विशेषके लिए देखें, आप्तपरीक्षाको प्रस्तावना।