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परिशिष्ट-४ प्रमुख जैनतर्कग्रन्थकार और उनकी
तर्ककृतियाँ
गृद्धपिच्छ तत्त्वार्थसूत्र प्रकाशित
(वि० १-३ शती) समन्तभद्र आप्तमीमांसा
प्रकाशित (वि. सं. २-३ शती ) युक्त्यनुशासन
स्वयम्भूस्रोत्र जीवसिद्धि
पार्श्वनाथचरित में
वादिराज द्वारा उल्लिखित सिद्धसेन सन्मतितर्क
प्रकाशित ( वि. ४-५ वीं शती ) कुछ द्वात्रिंशतिकाएँ प्रकाशित देवनन्दि-पूज्यपाद सारसंग्रह
धवला-टीकामें उल्लिखित (वि, ६ वीं शती) सर्वार्थसिद्धि
भारतीय ज्ञानपीठ,वाराणसी श्रीदत्त जल्पनिर्णय
तत्त्वार्थश्लोकवातिकमें ( वि. ६ वीं श.)
विद्यानन्द द्वारा उल्लिखित सुमति
सन्मतितर्क-टीका पार्श्वनाथचरितमें (वि. ६ वी श. )
वादिराज द्वारा उल्लिखित सुमतिसप्तक
मल्लिषेण प्रशस्तिमें निर्दिष्ट ( इन्हींका निर्देश शान्तरक्षितके तत्त्वसंग्रहमें 'सुमतेदिगम्बरस्य' के रूपमें है ) पात्रस्वामी (पात्र केशरी) त्रिलक्षणकदर्थन अनन्तवीर्याचार्य द्वारा सिद्धि(वि. ६ वीं)
विनिश्चय टीकामें उल्लिखित
और तत्त्वसंग्रहमें शान्त
रक्षितद्वारा आलोचित वादिसिंह
वादिराजके पार्श्वनाथचरित (वि. ६-७ श.)
और जिनसेनके महापुराणमें
स्मृत १. यह सूची वर्णी ग्रन्थमाला द्वारा प्रकाशित जैन दर्शन, मारतीय शानपीठद्वारा प्रकाशित
जैन न्याय और वीरसेवामन्दिरसे प्रकाशित आप्तपरोक्षाके आधारसे दो गयी है। ३७