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वात आपके बड़ी ही तवियत के लायक इस में है, और वह है, सम्पूर्ण संग्रह आपकी निजु घरेलू और बोल चाल को भारताय भाषा में होना, जिससे कि बाल वृद्ध नर नारी सव पड़ सुन कर एकसा लाभ इससे उठा सकें।
थोड़े ही समय में इस पुस्तक के चार संस्करण निकल चुके इससे " इसकी उपयोगता के विषय में हमें कोई बोलने-लिखने की. विशेष श्रावश्यकता नहीं। .
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- भवदीय .
मास्टर मिश्रीमल ‘मंत्री श्री जैनोदय पुस्तक प्रकाशक समिति
रतलाम ( सालवा)