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________________ ( १ ) ! सं मत पक्षी तूं बाग में २८ मत पड़ त्रिया के फन्द २६ मत बेबी कन्या को २६१ मत भूल मेरे प्यारे २६२ मत लूटो तुम जीवों के २६३ मति लीजेरे बदनामी २४ मथुरा में आकर जन्म २६५ मना तूं भजतेरे भगवान् २६६ मना रात का खाना २६७ मना समझो अवसर २६६ मनुष्य जन्म अनमोल २६६ मनुष्य जन्म को पायके ३०० मनुष्य पशु से श्रेष्ठ ३०१ मनुष्यों की जिन्दगी ३०२ महावीर का फरमान ३०३. महावीर जिनेश्वरा ३०४ महावीर ने अहिंसा का ३०५ महावीर से ध्यान ३०६ महिमा फैलीरे असी ३०७ माता कहे उसवार ३०८ माथे गाजेरे या फोज ३०६ मान मत करना कोई ३१० मान मन मेरा कहा ३११ मान मन मेरा कहा ३१२ माना हुआ है सुख ३१३ माने मात पिता की पृष्टीक २४१ १२६ २५२ १४१ ६६ ३.११ २६६ १५६ ३०८ ३२ ર २७४ २८६ १४३ ३
SR No.010311
Book TitleJain Subodh Gutka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChauthmal Maharaj
PublisherJainoday Pustak Prakashan Samiti Ratlam
Publication Year1934
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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