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२–व्रव्य गुण पर्याय
२/१-सामान्य अधिकार १०३. 'संख्या' की अपेक्षा द्रव्य व गुण में भेद है या अभेद ?
भेद है, क्योंकि द्रव्य एक है और उसमें गुण अनेक हैं । १०४. 'लक्षण' की अपेक्षा द्रव्य व गुण में भेद है या अभेद ?
भेद है, क्योंकि द्रव्य का लक्षण है ‘गुणों का समूह' और गुण का लक्षण है 'जो द्रव्य के सम्पूर्ण भागों व सर्व अवस्थाओं में
रहे। १०५. 'प्रयोजन' की अपेक्षा द्रव्य व गुण में भेद है या अभेद ? ।
भेद है, क्योंकि द्रव्य में सारे गणों के कार्य एक दम सिद्ध हो जाते हैं, परन्तु किसी एक गुण से तो मात्र एक उसका ही कार्य सिद्ध होता है, जैसे आम से सर्व इन्द्रियों की तृप्ति होती है पर
उसके रस से केवल जिह्वा की। १०६. 'स्व-द्रव्य' की अपेक्षा द्रव्य व गुण में भेद है या अभेद ?
अभेद है, क्योंकि जो प्रदेशात्मक आधार द्रव्य का है वही उसके
गुण का है, जैसे जीव व ज्ञान का आधार एक ही है । १०७. 'स्व-क्षेत्र, की अपेक्षा द्रव्य व गुण में भेद है कि अभेद ?
अभेद है, क्योंकि जो प्रदेश या क्षेत्र द्रव्य का है वही गुण का है,
जैसे जीव व ज्ञान एक क्षेत्रावगाही हैं। १०८. द्रव्य व गुण का क्षेत्र समान है यह कैसे जाना?
‘गुण द्रव्य के सर्व भागों में रहते हैं' गुण के इस लक्षण पर से। १०६. 'स्व-काल' की अपेक्षा द्रव्य व गुण में भेद है या अभेद ?
अभेद है, क्योंकि दोनों का काल त्रिकाल है, जैसे जीव व उस
का ज्ञान विकाल है। ११०. द्रव्य व गुण का काल समान है यह कैसे जाना ?
'गुण द्रव्य की सर्व अवस्थाओं में रहता है' गुण के इस लक्षण
पर से। १११. 'स्व-भाव' की अपेक्षा द्रव्य व गुण में भेद है या अमेव ?
यहां दो विकल्प हैं--१. अभेद है, क्योंकि द्रव्य का आंशिक स्वभाव वही है जो कि उसके एक गुण का । २ भेद है, क्योंकि