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२-द्रव्य गुण पर्याय
२/१-सामान्य अधिकार ५१. आम एक तरफ खट्टा होता है और दूसरी तरफ मोठा।
सो उसका मिठास गुण उसके सर्व भागों में क्यों नहीं रहता ? मीठापन उसका गुण नहीं पर्याय है। इस नाम का गुण है जो सर्व भागों में रहता है। दूसरी बात यह भी है कि आम कोई एक अखण्ड मौलिक द्रव्य नहीं हैं बल्कि अनेक परमाणुओं का पिण्ड है । प्रत्येक परमाण स्वयं मौलिक द्रव्य है। उन्हें पृथक पृथक देखें तो प्रत्येक में एक एक ही रस है दो नहीं ।
(४. पर्याय) ५२. पर्याय किसको कहते हैं ? ।
गुण के विकार को (अर्थात विशेष कार्य को) पर्याय कहते हैं। ५३. विकार या विशेष कार्य किसे कहते हैं ?
उत्पाद व्यय होना ही विकार या विशेष कार्य है। ५४. कार्य किसको कहते हैं ?
जो नया उत्पाद हो वही 'कार्य' हुआ कहा जाता है। ५५. पर्याय कहां रहती है ?
जहां जहां गुण रहता है वहां वहां ही उसकी पर्याय भी रहती है, क्यों कि कार्य कारण से पृथक होकर नहीं रहता। अतः
गुण की भांति द्रव्य के सर्व भागों में ही पर्याय भी रहती है। ५७. पर्याय कितने काल तक रहती है ?
सूक्ष्म दृष्टि से देखने पर प्रत्येक पर्याय एक समय से अधिक नहीं रहती, परन्तु स्थूल दृष्टि से देखने पर कुछ वर्ष पर्यन्त
रहती है। ५७. पर्याय का भाव कैसा होता है ?
जो भाव गुण का होता है वही उसकी पर्याय का होता है,
क्योंकि कारण सदृश्य ही कार्य होना न्याय संगत है । ५८. गुण की व्याख्या में पर्याय का लक्षण घटित करो।
"जो द्रव्य के सर्व भागों में परन्तु केवल एक अवस्था में रहे उसे
पर्याय कहते हैं। ५६. गुण व पर्याय में क्या क्या बात समान हैं ?
द्रव्य, क्षेत्र व भाव समान हैं परन्तु काल में अन्तर है।