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१-न्याय
३-परोक्ष प्रमाणाधिकार हैं; अन्न खाने से मृत्यु हो जाती है क्योंकि रामलाल अन्न खाने से मर गया; जल में अग्नि का निवास है इसी लिये जल का स्वभाव गर्म है; आवश्यकता पड़े तो चोरी भी कर लेना चाहिये क्योंकि उस समय वही धर्म है। मैं अवश्य सम्यग्दृष्टि हूँ क्योंकि इतने कठिन कठिन तपश्चरण करता है; हड्डी पवित्र है क्योंकि प्राणी का अंग है । ६. निम्न हेतुओं में क्या दोष है:
अग्नि ठण्डी है क्योंकि देखी जाती है। मनुष्य की खोपड़ी पवित्र है क्योंकि प्राणी का अंग है जैसे शंख ; पाप से सुख होता है; मेरी माता बन्ध्या है क्योंकि उसको गर्भ नहीं रहता; मैं आज मौन से हैं; शब्द अपरिणामी है क्योंकि किया जाता है; मैत्रेयी का गर्भस्थ पूत्र श्याम है क्योंकि उसके अन्य पूत्र भी श्याम हैं; यह व्यक्ति बड़ा क्रोधी है क्योंकि ऐसा प्रसिद्ध है; कहीं अवश्य आग लगी है क्योंकि फायर ब्रिगेड के घण्टों की अटूट ध्वनि आ रही है। राम आज इन्दौर गया है क्योंकि अभी अभी अपनी दुकान की ओर जा रहा था; आज अवश्य कोई उत्सव है क्योंकि बच्चों में नया उत्साह देखा जाता है; इस घर में अवश्य कोई मर गया है क्योंकि एक स्त्री के रोने की आवाज आ रही है; जीवराज अवश्य कोई व्यापारी है क्योंकि प्रायः बैंक में रुपया लेता देता देखा जाता है; आप अवश्य भोजन करके आये हो क्योंकि डकार आ रही है। चन्द्रमा अवश्य बहुत गर्म होगा क्योंकि आज रात्रि को बहुत गर्मी है। मैं अभी अभी इन्दौर से आ रहा हूँ और तुम्हारे भाई का सन्देशा लाया हूँ (जब कि भाई कल दिन स्वयं आ चुका है); जीव का सुख दुख कर्म के आधीन नहीं है क्योंकि कर्म दिखाई नहीं देता; यद्यपि रात को घर पर अकेला रहते मुझको डर लगता है, परन्तु उस रोज चोर को इतनी बहादुरी से पकड़ा कि सब दंग रह गए; यह भगवान की मूर्ति नहीं है क्योंकि केवल एक पत्थर का टुकड़ा है।