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४- भाव व मार्गणा
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(२५) ज्योतिष्क देवों के कितने भद हैं ? पाँच भेद हैं- सूर्य, चन्द्रमा, ग्रह, नक्षत्र, तारे
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(२६) वैमानिक देवों के कितने भद हैं ?
दो हैं- कल्पोपत्र और कल्पातीत ।
३ - जन्म व जीव समास
(२७) कल्पोपत्र किनको कहते हैं ?
जिनमें इन्द्रादिक की कल्पना हो उनको कल्पोपत्र कहते हैं ।
(२८) कल्पातीत किनको कहते हैं ?
जिनमें इन्द्रादिक की कल्पना न हो उनको कल्पातीत कहते हैं । (२६) कल्पोपत्र देवों के कितने भेद हैं ?
सोलह - सौधर्म, ईशान, सानत्कुमार, माहेन्द्र, ब्रह्म, ब्रह्मोत्तर, लान्तव, कायिष्ठ, शुक्र, महाशक्र शतार, सहस्रार, आनत, प्राणत, आरण, अच्युत ।
(३०) कल्पातीत देवों के कितने भेद हैं ?
तेईस हैं - नववेक, नव अनुदिश, पंच पंचोत्तर ( विजय, वैजयन्त, जयंत, अपराजित, सवार्थ सिद्धि ) ।
(३१) नारकियों के कितने भ ेद हैं ?
पृथिवी की अपेक्षा से सात भेद हैं ।
(३२) सात पृथिवियों के क्या नाम हैं ?
रत्नप्रभा (धम्मा); शर्करा प्रभा ( वंशा), बालुका प्रभा (मेघा ), पंक प्रभा ( अंजना ), धूमप्रभा (अरिष्टा ), तमः प्रभा ( मघवी ), महातमः प्रभा ( माघवी ) ।