________________
२-द्रव्य गुण पर्याय
५-पर्यायाधिकार ५४. सादि अनन्त पर्याय किसे कहते हैं ?
जो पर्याय उत्पन्न तो होती हो पर जिसका अन्त न होता हो;
जैसे जीव की सिद्ध पर्याय। ५५. अनादि सान्त पर्याय किसे कहते हैं ?
जो पर्याय कभी उत्पन्न न हुई हो, अर्थात अनादि से हो पर
जिसका अन्त हो जाता है; जैसे जीव की संसारी पर्याय । ५६. अनादि अनन्त पर्याय किसे कहते हैं ?
जिस पर्याय का न आदि हो न अन्त; जैसे धर्मास्तिकाय की
शुद्ध द्रव्य पर्याय और अभव्य जीव की अशुद्ध पर्यायें । ५७. सादि सान्त स्वभाव व्यञ्जन पर्याय व स्वभाव अर्थ पर्याय
किस द्रव्य में होती है ? परमाणु में; क्योंकि स्कन्ध से बिछुड़ कर शुद्ध हो जाता है,
और पुनः स्कन्ध में बंधकर अशुद्ध हो जाता है। ५८. सादि अनन्त स्वभाव व विभाव अर्थ व्यञ्जन पर्याय किन द्रव्यों
में होती है ? स्वभाव रूप दोनों पर्याय मुक्त जीव में होती हैं। क्योंकि एक बार सिद्ध हो जाने पर वह पुनः संसारी नहीं होता। विभाव पर्याय में आदि अनन्त का विकल्प सम्भव नहीं, क्योंकि वह नियम से नष्ट होने वाला होता है। अनादि सान्त स्वभाव व विभाव पर्याय किसमें हैं ? अनादि सान्त विभाव पर्याय तो संसारी जीव में होती हैं । स्वभाव पर्यायों में अनादि सान्त का विकल्प नहीं क्योंकि न
कोई जीव अनादि से शुद्ध है और न परमाणु । ६०. अनादि अनन्त स्वभाव व विभाव पर्याय किसमें होती है ?
अनादि अनन्त स्वभाव पर्याय धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाश व काल इन चार नित्य शुद्ध द्रव्यों में हैं, जीव पुद्गल में सम्भव नहीं क्योंकि उनमें अनादि से कोई शुद्ध नहीं है। अनादि अनन्त विभाव पर्याय केवल अभव्य जीव में ही सम्भव
५६.