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-द्रव्य गुण पर्याय
४-जीब गुणाधिकार पहले होने वाला सामान्य प्रतिभास या अवलोकन चक्षुदर्शन
कहलाता है। (१६०) अवधि दर्शन किसे कहते हैं ?
अवधिज्ञान से पहले होने वाले सामान्य अवलोकन को अवधि
दर्शन कहते हैं। (१६१) केवल दर्शन किसे कहते हैं ? ।
केवलज्ञान के साथ होने वाले सामान्य अवलोकन को केवल
दर्शन कहते हैं। १६२. 'दर्शन' सामान्य प्रतिभास का नाम है फिर उसमें भेद होने
कैसे सम्भव है ? वास्तव में दर्शन तो एक ही प्रकार का है, यह भेद भिन्न ज्ञानों के कारणपने की अपेक्षा कर दिये गये हैं। जिस ज्ञान से पहिले
हो वह नाम उस दर्शन को दे। दया जाता है। १६३. मतिज्ञान से पहिले कौन सा दर्शन होता है और क्यों ?
चा अचक्ष दर्शन ही मतिज्ञान के दर्शन हैं, क्योंकि इन्द्रिय जन्य
ज्ञान की ही मतिज्ञान संज्ञा है । १६४. चक्षु इन्द्रिय की भांति अन्य इन्द्रियों के पृथक पृथक दर्शन कहने
चाहिये थे? यह कोई दोष नहीं है । भेद करने पर प्रत्येक इन्द्रिय के पृथक
पृथक दर्शन कह सकते हैं। १६५. फिर चक्षु दर्शन को पृथक क्यों कहा?
क्योंकि चक्षु इन्द्रिय जन्य ज्ञान को भी लोक में देखना या दर्शन करना कहते हैं । उस ज्ञान से उस इन्द्रिय के दर्शन को पृथक करने के लिये उसका विशेष निर्देश करना न्याय है। धत शान से पूर्व कौन सा वर्शन होता है ? मतिज्ञान पूर्वक होने से श्रुतज्ञान का पृथक से कोई दर्शन नहीं। पहले दर्शन तदनन्तर मतिज्ञान और तदनन्त तत्सम्बन्धी श्रुत ज्ञान, ऐसा क्रम है।
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