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२- द्रव्य गुण पर्याय
४ - जीव गुणाधिकार :
१४. आगमोपयुक्त भी आपको ज्ञान चेतना क्यें नहीं ? क्योंकि कर्ता बुद्धि सहित है, ज्ञाता दृष्टा भाव रूप नहीं है । १५. संचेतना व संवेदना में क्या अन्तर है ?
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संचेतना पदार्थों के प्रतिभास रूप से होती है और संवेदना सुख दुख रूप से प्रतीति में आती है ।
( २. ज्ञानापयोग सामान्य )
(१६) ज्ञान चेतना ( ज्ञानोपयोग ) किसको कहते हैं ?
अवान्तर सत्ता विशिष्ट विशेष पदार्थ को विषय करने वाली चेतना (उपयोग ) को ज्ञान चेतना या ज्ञानोपयोग कहते हैं। (१७) अवान्तर सत्ता किसे कहते हैं ?
किसी विवक्षित पदार्थ की सत्ता को अवान्तर सत्ता कहते हैं ( जैसे मनुष्य, घर, पट आदि) ।
१८. ज्ञानोपयोग के कितने लक्षण प्रसिद्ध हैं ?
चार हैं- विशेष ग्रहण, साकार ग्रहण, सविकल्प ग्रहण और बाह्य चित्प्रकाश |
१६. विशेष ग्रहण से क्या समझे ?
यह मनुष्य है, यह घर है, यह ज्ञानी है, यह धर्मात्मा है, यह काला है, यह पीला है इस प्रकार के विकल्पों सहित जानने को विशेष ग्रहण कहते हैं ।
२०. साकार व सविकल्प ग्रहण से क्या समझे ?
देशकालावच्छिन्न पदार्थ साकार होता है । मनुष्य पशु घर पट आदि पदार्थ विशेष आकृति वाले होने से देशावच्छिन्न हैं और बड़ा छोटा अब तक आजकल आदि के विकल्पों सहित पदार्थ कालावच्छिन्न हैं । ज्ञानी धर्मात्मा काला पीला आदि विकल्पों सहित भावावच्छिन्न हैं । तात्पर्य यह कि विशेष आकार प्रकारों वाले पदार्थ साकार व सविकल्प हैं । ज्ञान में उनका ग्रहण साकार ग्रहण है ।