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२-द्रव्य गुण पर्याय
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३-गुणाधिकार
२७. अस्तित्व गुण को जानने का क्या प्रयोजन ? ।
व्यक्ति ज्ञाता दृष्टा व निर्भय बन जाता है । न किसी वस्तु को बनाने बिगाड़ने का विकल्प आ सकता है और न मरने का
भय हो सकता है। २८. द्रव्य को सत क्यों कहते हैं ?
अस्तित्व गुण युक्त होने से द्रव्य ‘मत्' संज्ञा को प्राप्त है । २६. द्रव्य में सभी गुण सभी अवस्थाओं में रहते हैं। इसका क्या
कारण है ? अस्तित्व गुण के कारण जिस प्रकार द्रव्य नष्ट नहीं होता उसी प्रकार गुण भी नष्ट नहीं होते, क्योंकि गुणों का समूह ही द्रव्य है। उनके नष्ट होने पर उनका ममुह रूप द्रव्य कैसे रह सकता है ।
(३. वस्तुत्व गुण) (३०) वस्तुत्व गुण किसको कहते हैं ? ।
जिस शक्ति के निमित्त से द्रव्य में अर्थ क्रिया हो उसे वस्तुत्व गुण कहते हैं; जैसे-घट की क्रिया जलधारण । अर्थ क्रिया से क्या समझे ? प्रत्येक द्रव्य का कोई न कोई प्रयोजनमत कार्य या Function अवश्य होता है, भले हमारे लिये इष्ट हो अथवा अनिष्ट या व्यर्थ । जैसे इन तृणों का भी प्रयोजन है पशुओं का पेट भरना
अथवा चटाई आदि बनाने में काम आना। ३२. वस्तुत्व शब्द का क्या अर्थ है ?
वस्तुत्व अर्थात् वास देने का स्वभाव । ३३. वस्तुत्व गुण के क्या क्या लक्षण हो सकते हैं ?
तीन प्रधान लक्षण हो सकते हैं(क) प्रत्येक द्रव्य में अर्थ क्रिया होना । (ख) प्रत्येक द्रव्य स्वचतुष्टय से सत् है और परचतुष्टय से
असत् ।